साहित्य को आकार देने में संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण रोल होता है जो साहित्य और कविताएं सामाजिक कल्याण पर केंद्रित है। वह कालजई होती है। यही कारण है। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। लेखक कवि बुद्धिजीवी पत्रकार को सलाम है। उनकी लेखनी अस्त्र महत्वपूर्ण कलम है। सच्चाई को लेखनी से सलाम करते हैं। बुराई का धागा तीव्र कलम अस्त्र से काटते हैं। साहित्य को जीवंतमय बनाने में प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का महत्वपूर्ण रोल है। साहित्य का ख़जाना भारत में अनमोल है। कायम रखने में हमारे पूर्वजों का विशेष रोल है। लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, स्तंभकार कानूनी लेखक, चिंतक कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र।

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