हिंदी पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ मास आधा ही बीता है। जून माह में ज्येष्ठ मास का समापन 15 दिन बाद होगा जिसके बाद आषाढ़ मास आरंभ होगा। इस तरह से दो हिंदी मास के त्योहार जून के माह में आएंगे।

  पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि जून माह में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, रंभा तृतीया सहित कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं।अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मई माह का अंत होकर जून माह का पहला दिन शुरू हो गया है। लेकिन हिंदी पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ मास आधा ही बीता है। जून माह में ज्येष्ठ मास का समापन 15 दिन बाद होगा, जिसके बाद आषाढ़ मास आरंभ होगा।पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि इस तरह से दो हिंदी मास के त्योहार जून के माह में आएंगे। इस माह में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, रंभा तृतीया सहित कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। जून का माह काफी खास माना जा रहा है क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु की सबसे प्रिय एकादशी निर्जला एकादशी पड़ रही है। 

 पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि  जून माह  2022 के व्रत त्योहार

02 जून, गुरुवार- रंभा तृतीया ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान के अच्छे भविष्य के लिए व्रत करती है।

09 जून, गुरुवार- गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा होता है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा धरती में अवतरित हुई थी और मनुष्यों का उद्धार किया था।

11 जून, शनिवार-पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती भगवान विष्णु की सबसे प्रिय एकादशी में से एक निर्जला एकादशी है। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

12 जून, रविवार- प्रदोष व्रत ज्येष्ठ मास के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान की जाती है।

14 जून, मंगलवार-पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि संत कबीर जयंती, वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को संत कबीर की जयंती मनाई जाती है। इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है। हालांकि कुछ जगहों पर अमावस्या के दिन भी ये व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती है।

17 जून, शुक्रवार-पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि संकष्टी चतुर्थी व्रत हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा होती है।

24 जून- शुक्रवार- योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिना एकादशी के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।

27 जून- सोमवार- मासिक शिवरात्रि व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इसे महाशिवरात्रि के बराबर माना जाता है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है।

28 जून- मंगलवार-पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि दर्श अमावस्या अमावस्या तिथि 28 जून की सुबह 5 बजकर 54 मिनट से 29 जून की सुबह 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इसलिए 28 जून को श्राद्ध अमावस्या और 29 जून को स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाएगी।

30 जून, बृहस्पतिवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ

पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि

30 जून से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इन दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

जून महीने के ग्रह गोचर  जून के महीने में कुल पांच महत्वपूर्ण ग्रहों का गोचर होगा।

पंडित कृष्ण मेहता ने बताया कि

बुध वृषभ में मार्गी (3 जून 2022)

शनि कुंभ राशि में वक्री (5 जून 2022)

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2022)

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर (18 जून 2022)

मंगल का मेष राशि में गोचर (27 जून 2022)

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