सरदार कर्मपाल सिंह सवाली जालौर राजस्थान – सांचौर,अखिल भारतीय आदिवासी भील महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय नरसिंग पडियार के सुपुत्र युवा समाजसेवी अशोक पढियार ने कहा आजादी के 75 वर्ष बाद प्रथम बार किसी राष्ट्रीय पार्टी ने यह उनको सुनहरा मौका मिला है। जिसे आदिवासी समाज का गौरव पूरी दुनिया में गौरवशाली इतिहास बना हुआ है। राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रोपती मुर्मू जी को पूरे भारतवासी आदिवासीयों को एक राय होकर अपनी बेटी को देश की सर्वोत्तम कमान के लिए समर्थन देकर इस पद के लिए आदिवासियों का बहुत समानता बढ़ेगा आदिवासी इतिहास का पूरे भारत में के अलावा आदिवासियों के लिए अधिकार और भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा आज भी अनेक क्षेत्रों में आदिवासियों पर आए दिन अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं उनका लम्बे समय से शोषण हो रहा है जो बर्दाश्त नहीं करेंगे।आज जालौर जिले के सांचौर क्षेत्र के गांव में समाज बंधुओं को एक सभा में आदिवासी भील समाज को विकासशील बनाने पर चर्चा करते हुए अखिल भारतीय आदिवासी भील महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय नरसिंग पडियार के सुपुत्र उभर रहे युवा समाजसेवी अशोक पढियार ने चर्चा करते हुए कहे। युवा समाजसेवी अशोक पढियार ने कहां आज राजस्थान के राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, जालौर सिरोही, पाली, अनेक क्षेत्रों में आज भी आदिवासी बेटियां उच्च शिक्षा से वंचित ही चलती आ रही है जिसके कारण शिक्षा का ग्राफ बहुत कमजोर हो गया है।इसके लिए सभी युवा संगठित होकर पूरे समाज के बहन-बेटियों सभी को प्रेरित करते जागरूक करके और अपने अपने क्षेत्र में यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय की स्थापना की जरूरत है जहां पर आधुनिक शिक्षा से विकास हो सके। आजादी के 75 वर्ष बाद भी अनेक विदेशों में उच्च शिक्षा के अनुसार अपने क्षेत्रों को विकासशील बनाने के लिए हमेशा कंधे-से-कंधा मिलाते हैं। मगर हमारे राजस्थान में जब से कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई तभी से आदिवासियों पर दमन चलता ही आ रहा है हजारों आदिवासियों को आज भी अपने हकों से वंचित रहना पड़ रहा है सिर्फ वोट डालने वाली कठपुतली समझकर ही आजादी के 75 वर्ष बाद भी उनका शोषण करती आ रही है।आज भी उनकी जमीनों पर प्रभावशाली लोगों के बड़े पैमाने कब्जे हो रहे हैं।
जिससे आदिवासी समाज कमजोर और अपने अधिकारों से वंचित ही रहे हैं। उन्होंने समाज बंधुओं से विचार-विमर्श करते हुए कहां लाखों की तादाद में होते हुए भी हम संगठित नहीं होने की वजह से आज समाज पिछड़ रहा है। महामारी के समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार ने हजारों युवाओं को अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में है रोजगार व्यापार लघु योजना से अंतर्गत दिलाने के लिए बड़े-बड़े भाषण दिए थे। आज 1 वर्ष से ज्यादा समय होने के बाद भी हजारों युवाओं को अपने गांव क्षेत्र में रोजगार नहीं मिल रहा हजारों पढ़े लिखे युवा क्षेत्र के गांवों को छोड़कर देश प्रदेशों में मजदूरी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। हो रहे हैं इसके कारण राजस्थान के क्षेत्रों के कृषि विज्ञान भी में बढ़ोतरी नहीं हुई है उल्टा खेती का धंधा छोड़कर किसान ज्यादातर व्यापारी बनते जा रहे हैं। जिससे कृषि विज्ञान कमजोर पड़ने के कारण किसानों हालत और भी पतली हो गई है। तब राजस्थान के सभी गांव-गांव ढाणी-ढाणी में कृषि विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए भी सभी कड़ी से कड़ी जुड़ कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत सरकार के पास यह समस्याएं रखेंगे तो आगामी वर्ष में हजारों युवाओं को और भी फायदा मिलेगा इसके लिए मजबूत संगठित होकर एक आंदोलन के रूप में कार्य करके भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार से अपने बनते हक अधिकार आदिवासी भील समाज को दिलाकर रहेंगे हर एक को जागरूक होने की जरूरत है।जिससे समाज में उन्नति होगी। इस सभा में विशेष तौर पर पहुंचे हुए हरचंद हरियाली, हेमा सजारा,वजा पहाड़पुरा, कस्तूरा सेवाड़ा, मसराराम कमालपुरा, रवा राम आदि मौजूद रहे।