समाचार निर्देश एस डी सेठी – दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की कुछ ज्यादा ही सक्रियता देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे दिल्ली में भाजपा का चेहरा हो सकती है। पिछले दो-तीन दिनों से स्मृति ईरानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर सत्येंद्र जैन के बहाने हमला बोल रही है। इससे सियासी भविष्य वक्ताऔ को कयास लगाये जाने मस्ला मिल गया है। वह आगामी चुनावों में भाजपा का चेहरा भी बन सकती है। वजह भाजपा टांप ने मनोज तिवारी और आदेश गुप्ता को भी दिल्ली की राजनीति में आजमा कर देख लिया है। मगर दिल्ली की राजनीति की गहरी सोच रखने वाले भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं।अगर दिल्ली में भाजपा की कमान स्मृति ईरानी संभालती है तो लगातार तीन बार से एतिहासिक जीत के साथ सत्तासीन आम आदमी पार्टी को कडी चुनौती दी जा सकती है। इसके साथ ही दिल्ली नगर निगम चुनाव और आगामी ढाई साल के दौरान होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भी भाजपा को बडा राजनीतिक लाभ मिलना तय है। स्मृति ईरानी की बढ रही सक्रियता को लेकर डीयू के प्रोफेसर का कहना है कि स्मृति ईरानी में राजनीति के वह सभी गुण हैं। जो एक दक्ष राजनेता में होने चाहिये। वह एक प्रखर वक्ता होने के अलावा अपनी बात को आम जनता तक पहुंचाने में कामयाब होती है। इसी योग्यता का नतीजा 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अमेठी सीट से राहुल गांधी को बडे अंतर से धूल चटाई। राहुल गांधी की हार ने स्मृति ईरानी का कद और बडा दिया है। भाजपा ने मनोज तिवारी समेत आदेश गुप्ता को भी आजमा लिया है। लेकिन दोनों ही दिल्ली का चेहरा नहीं बन सके। दिल्ली में ब्राह्मण और बनिया और पंजाबी समुदाय का वर्चस्व है। स्मृति ईरानी खत्री पंजाबी है। और सेलिब्रिटी भी है। लेकिन शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने 15 साल तक दिल्ली में एक छत्र राज किया। लेकिन यहां यह भी बता दें कि भाजपा ने दो महिलाओं के जरिये दिल्ली साधने की कोशिश की थी। उनमें सुषमा स्वराज और किरण बेदी को भी आजमाया जा चुका है। लेकिन यह प्रयोग भी सफल नहीं हो पाये। अब देखना ये है कि स्मृति ईरानी पर खेला गया तीसरा दांव कितना सफल होगा? यह तो वक्त ही बतायेगा। बहरहाल एक बार रिस्क लेने में हर्ज ही क्या है।