समाचार निर्देश एस डी सेठी – भारत की संसद में दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक किये जाने के बाद निगम द्वारा एक आदेश के मुताबिक 31 मार्च 2022 तक सभी पार्षदों और मनोनीत निगम पार्षदों को दिए गये लैपटॉप जमा करने थे। नियम के मुताबिक अगर उनके पास लैपटॉप टूट गया था या खराब हो गए तो उन्हें इसके एवज में एक निर्धारित राशि 34987 रूपये (लैपटॉप और प्रिंटर) निगम प्रशासन में जमा करानी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्वी और उत्तरी नगर निगम के 104 पार्षद और 10 मनोनीत सदस्यों मे से कुल 37 पार्षदों ने अभी तक लैपटॉप नहीं लोटाए हैं। जिनमें से 24 पार्षद है और पूर्वी में 13 पार्षद हैं जिनमें एक मनोनीत पार्षद है। निगम सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पार्षदों को लैपटॉप वापस करने के लिए कई बार फोन काॅल किये गए। ऐसे ज्यादा हैं जो काॅल रिसीव ही नहीं करते हैं। गलती से रिसीव कर भी लें तो बाहना करने लगते हैं। इस बाबत उन्हें रिमाइंडर पत्र भी भेजे गये हैं। लेकिन रिटायर पार्षद जवाब तक नहीं दे रहे हैं। इस बावत लोगों का कहना है कि सरकारी संपति जो जनता के खून पसीने की है। ऐसे पार्षदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिये।