• हिन्दी भवन दिल्ली में संपन्न हुआ ‘भारत के भारतरत्न’ काव्य ग्रंथ का भव्य लोकार्पण

देश की राजधानी दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में कालजयी काव्य ग्रंथ भारत के भारत रत्न का भव्य लोकार्पण एवं सम्मान समारोह संपन्न हुआ। इस कालजयी काव्य ग्रंथ के संपादक डॉ राजीव कुमार पाण्डेय हैं जब कि श्री ओंकार त्रिपाठी द्वारा इसे संकलित किया गया है। इस लोकार्पण समारोह में देश के कोने कोने से आये 150 साहित्यकारों को काव्य रत्न से सम्मानित भी किया गया। गुरुग्राम की कविता शर्मा (पपीहा)को भारत रत्न “श्री मोक्षगुंंडम विश्वेश्वरैया ” पर लिखी उनकी कविता के लिए काव्य रत्न से सम्मानित किया गया।
दीप प्रज्वलन और मां वाणी के चरणों में वंदना के पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम शुरू हुआ। मुंबई से पधारे स्वगताध्यक्ष श्री राजकुमार छापड़िया ने सभी अतिथियों का शॉल, पुष्प गुच्छ व प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुदर्शन चैनल के अध्यक्ष, प्रबन्ध निदेशक एवं एडिटर इन चीफ सुरेश चौहान ने इस कृति को राष्ट्रीय अस्मिता का ग्रन्थ बताते हुए कहा कि यह केवल एक ग्रन्थ नहीं बल्कि राष्ट्रीय धरोहर बन गया है। इससे भारत की आने वाली पीढ़ी को हमारे देश की महान विभूतियों को काव्यात्मक रूप से पढने को मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह ‘शशि’ ने बताया कि हिंदी साहित्य के इतिहास में इस प्रकार का कार्य होना अपने आप में स्तुत्य है। हमारे राष्ट्र के महापुरुषों को कविताओं के माध्यम से व्यक्त कर एक श्लाघनीय कार्य किया गया है।
इस ग्रन्थ के समीक्षा करते हुए विशिष्ट अतिथि और नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरि सिंह पाल ने कहा कि इस विशाल ग्रन्थ में देश विदेश के 215 ने इस नए विषय पर सृजन किया है जो अभी तक अछूता था।
विशिष्ट अतिथि और हिंदी अकादमी दिल्ली के सचिव डॉ जीतराम भट्ट ने इसे कालजयी ग्रन्थ की संज्ञा देते हुए कहा कि इसे भारत की प्रत्येक लाइब्रेरी में होना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि डॉ इंदिरा मोहन, अध्यक्ष दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन ने इसे अभूतपूर्व ग्रन्थ बताया।
सभी अतिथियों के कर कमलों द्वारा इस ग्रन्थ का भव्य लोकार्पण किया गया।
ग्रन्थ के लोकार्पित होते ही पूरा हॉल तालियों से गूंजने लगा।भारत माता की जय के नारे लगने लगे।
देश के कोने कोने से आये 150 साहित्यकारों को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र और ग्रंथ भेंटकर सम्मानित किया गया।
ग्रन्थ की पूर्व पीठिका और संघर्ष यात्रा पर संस्था के महासचिव एवं ग्रन्थ के संकलनकर्ता ओंकार त्रिपाठी ने विस्तृत प्रकाश डाला।
संस्था के संस्थापक एवi अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय ने संचालन करते हुए भारत रत्न महोत्सव की चर्चा करते हुए बताया कि इस महोत्सव में 301 कवियों ने कविता पाठ करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था।
श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के द्वारा सम्पादक डॉ राजीव कुमार पांडेय और संकलनकर्ता ओंकार त्रिपाठी को साहित्य मनीषी सम्मान से अलंकृत किया गया।

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