- 200 करोड रुपये का लाभ होने की आशा
नई दिल्ली रमेशचंद्र व्दिवेदी – बताया जाता है कि निगम पर अपना प्रभुत्व बनाये रखने के श्रीमती शीला दीक्षित ने जनता की नुकसान का प्रवाह किते बिना निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया । परिणामस्वरूप निगम के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की संख्या बढ़ने के साथ अनेकों ताम झाम बढ़ाते गये ।इतना ही नहीं वार्डो की संख्या बढ़ाई गई और यह कहावत चरितार्थ होने लगी आमदनी अठन्नी खर्च ।। रुपईया ।ऐसी दशा में समस्याओं की भरमार के साथ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन समय से न मिलना । एमसीडी और दिल्ली सरकार में बराबर टकराव , अधिकारियों और कर्मचारियों का अनशन प्रदर्शन तथा सरकारी सम्पत्तियों नुकसान आदि घटनाओं के साथ जनता के कार्य समय से न होना को देखते हुए केन्द्र सरकार को यह कदम उठाने के लिए बाध्य होना पडाआ । तीनों निगमों का एकीकरण करने के बाद यूनीफाइड एमसीडी के अश्विनी कुमार को बनाया गया है। क यूनीफाइड एमसीडी के स्पेशल आफिसर ,ज्ञान भारती को को कमिश्नर नियुक्ति की गई है।वार्डो की संख्या 250बन गई है।इतना ही नहीं राज्य सरकार 6154करोडड रुपये से एमसीडी को देनी है ।अब कोई बहाना बाजी करने का अवसर नहीं मिलने वाला है। लगभग तीन साल तक निगम चुनाव न होने की बात कही जा रही है ।इससे चुनाव खर्च तथा पार्षदों होने वाले खर्चे की बचत होगी । जनता के निष्पक्ष और शीघ्र भ्रष्टाचार मुक्त कार्य तेजी से किते जायेगें ।राज्य के विकास में गति आने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
Nice sahi kadm h.
Nice sahi kadm h.
News web may Chhattisgarh ko ad kr devy
Chhattishgarh ko bhi sr ji proeti do jave.aapke web may sr ji .