समाचार निर्देश एस डी सेठी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नयी संसद इमारत की चौटी पर राष्ट्रीय प्रतीक चिंह अशोक स्तंभ की स्थापना के बाद से विपक्षियों को मुद्दा विहीन बहस करने का मौका मिल गया है। अशोक स्तंभ अनावरण के पहले ही दिन एआईआईएमएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था नये संसद भवन की शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक चिंह अशोक स्तंभ का अनावरण पीएम मोदी को नहीं करना चाहिये था। ये काम संसद के स्पीकर को करना चाहिए। अब प्रतीक चिंह को लेकर एक नया शिगुफा छेड दिया है। इसमें आम आदमी पार्टी ने सोशल मिडिया पर तो खासातौर पर मुहिम छेड रखी है। इसकी कमान बाकायदा पार्टी के क्षेत्रीय अधिकारीयों ने संभाली हुई है। वाटसऐप के जरिये उन्होंने राष्ट्रीय प्रतीक चिंह अशोक स्तंभ पर तीन शेरों के मुंह को विवादित कर दिया है। उनके मुताबिक असलियत में शेर का मुंह शांतचित होने के बजाये खुला व हिंसक दर्शाया गया है। जो कि एतिहासिक गलत है। शेर का मुंह खुला और दांत दिखाई दे रहे हैं। जबकि असल में शेर का मुंह अहिंसक शांत का होना चाहिये। उनके मुताबिक ऐसा बदलाव पीएम मोदी की कृति से मेल करता है।

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