समाचार निर्देश कुलदीप कुमार अमृतसर पंजाब – 4 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत सरकार ने रिहा किया है। इनमें से दो बंदियों को सजा पूरी होने के बाद अमृतसर की सेंट्रल जेल से जबकि एक बंदी को जयपुर (राजस्थान) जेल से और एक पाकिस्तानी बंदी को गुजरात पुलिस लेकर ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पहुंची। इन पाक बंदियों का इमीग्रेशन और कस्टम चेक किए जाने के बाद जेसीपी जीरो लाइन पर लाया गया, जहां से बीएसएफ अधिकारियों ने इन्हें पाक रेंजर्स के सुपुर्द कर दिया गया। एसएसपी देहाती स्वर्णदीप सिंह के दिशानिर्देशों पर अटारी पर तैनात प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल माहल सुरक्षा के बीच इन्हें जीरो लाइन अटारी तक लेकर पहुंचे।
भारत सरकार की ओर से रिहा गए गए पाकिस्तानी बंदियों में लाहौर के ओंकारा जिला का अली हसन पुत्र मोहम्मद हसन 19 साल था। अली हसन साल 2019 में घंरिडां थाना क्षेत्र में पाकिस्तानी सीमा लांघ कर भारतीय क्षेत्र में पहुंच गया था, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने अली को गैर कानूनी तौर पर भारत में घुसने के आरोपों में 2 साल और 8 महीने की सजा सुनाई। वहीं सियालकोट जिला का मोहम्मद नवाज (38) भी इसी दौरान डेरा बाबा नानक सीमा से भारत में घुसा तो उसे बीएसएफ ने पकड़ लिया। अदालत ने इसे 3 साल की कैद सुनाई।
वहीं लाहौर के टांटा खुर्द थाना अंतर्गत अफजल पार्क निवासी कारोबारी शाह नवाज (70) साल 2005 में वीजे पर भारत आया था। उसके पास दिल्ली का वीजा था और वह इस दौरान जयपुर चला गया। जयपुर पुलिस ने पाकिस्तान के इस कारोबारी के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने उसे सजा सुनाई और उसे 3 साल जयपुर जेल में रखा गया जबकि 12 साल उसे जोधपुर की जेल में रखा गया। इस तरह शाह नवाज की रिहाई 15 सालों बाद हो सकी है।