समाचार निर्देश एस डी सेठी – दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर इंफोरसमैंट डायरेक्टरेट(ईडी) और इंकम टैक्कीस विभागों की कारवाई पर हुई जेल के मामले में जो सच सामने आया है।खासा चौकाने वाला है। हालांकि जैन ने करोडों का काला धन हवाला के जरिये कालेधन को दिल्ली के कराला गांव और औचंदी गांव की कृषिभूमि जमीन को कथित फर्जी कंपनियों के नाम से लगाया गया है। ये कृषि भूमि जमीनें 10 लोगों से खरीदी गई हैं। फिलहाल करोडों की बेनाम संपत्ति को इनकम टैक्स अफसरों ने अटैच कर ली है।.बावजूद इसके सीएम केजरीवाल सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट दे रहे हैं जबकि जैन अपने कालेधन घोटालों पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर चुके हैं। बेनामी जमीनें खरीदने में फर्जी कंपनियों के नामों का इस्तेमाल किया है। जो बाकायदा रिकारडिट है। 10 लोगों से खरीदी प्रोपर्टीज ज्यादातर कृषिभूमि है। कराला विलेज में बिमला देवी से 2 करोड 70 लाख 52 हजार रूपये, ताराचंद व अन्य से 4 करोड 12 लाख के करीब फर्जी कंपनी इंडो मैटल प्राईवेट लि०, वहीं सुनील कुमार से 1 करोड 15 लाख रूपये, इसी तरह फर्जी कंपनी प्रयाग सोल्शयूशन इंफो प्राईवेट लि०, के नाम पर कराला विलेज में ही किरण बाला पत्नी महावीर से 43 लाख 20 हजार, नारायण सिंह से 97 लाख 55 हजार, अनीता सरीन से 43 लाख 20 हजार, अनूप सिंह से 97 लाख 99 हजार, सतबीर से 1 करोड 21 लाख, रमेश चंद से 41 लाख 62 हजार, रामलाल से 82 लाख 87 हजार के अलावा दिल्ली के ही औचंदी विलेज में भी 3 लोगों के नाम से करोडों की जमीनें फर्जी कंपनियों के नाम से खरीदी गई हैं। इस सारे मामले में इंकम टैक्स समेत अन्य ऐजेंसियां जांच कर रही है। इससे साबित होता है कि इमानदारी का कवच ओढे दिल्ली सरकार के मंत्री पर लगे हवाला के जरिये काले धन को फर्जी कंपनियों के नाम से खपाया गया है। इस काले धन को जैन ने स्वीकार कर लिया है। तभी इसी बिना पर सत्येंद्र जैन जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गये हैं।

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