समाचार निर्देश दिल्ली – दक्षिण/पश्चिम जिला नजफगढ के मास्टर अनिल कुमार का जन्म नजफगढ 2 फरवरी 1960 मे हुआ है। प्रारभ्भिक शिक्षा यहीं हुई। समाजिक सेवा का आरभ्भ 1977 से प्रौेढ शिक्षा के शुरू किया इसके आशा सदन समाज कल्याण केन्द्र से समुदाय विकास से महिला विकास कार्यक्रम से कम लागत स्वच्छ सेवा यूनिसेफ संस्था से होकर हरियाणा पंचायती कार्यक्रम सोसायटी फार पाटेसेपेटरी इन एशिया दिल्ली के सहयोग से फिर बाल श्रम/शिक्षा पर बचपन बचाओ आंन्दोलन दिल्ली के सहयोग 10 राज्य एंव नेपाल में के साथ साथ जवाहरलाल नेहरू राष्टीय युवा केन्द्र,समाजिक बदलाव परिवार के युवा/महिला विकास कार्यक्रम मधोक फाउन्डेशन के सहयोग पिछले 40 साल से अधिक जानकारी के माध्यम से जनसमुदाय को संशंक्त करने का प्रयास कर रहे इसी दौरान हजारो परिवारो को जानकारी के माध्यम से संशंक्त किया है।

जो आज समाज में लोगो में सहभागिता एंव भागेदारी सुनिश्चित कर रहे है इसी दौरान नेहरू युवा केन्द संगठन, विश्व युवक केन्द्र नेशनल कोलिशयन फार एजेकुशन दिल्ली नागरिक सुरक्षा विभाग, दिल्ली पुलिस सेंट जोन्स एबुलेस बिग्रेड इत्यादि ने समय समय पर सम्मानित किया। आज भी विभिन्न जन समुदाय को समाजिक बदलाव परिवार के माध्यम से जागरूक कर रहे हैॅ तथा बाल श्रम, समुदाय विकास युवा/महिला विकास पंचायतीराज के मास्टर र्टेनर है। जो देश विभिन्न हिस्सो में प्रशिक्षण दे रहे। उन्होने क्षैत्र के हजारो मजदूरो को उनका हक दिलवाया हजारो युवाओ को नागरिक सुरक्षा से प्रशिक्षण दिलाकर उन्हे विभिन्न सुरक्षा विभाग में मौका मिला आज भी वरिष्ट नागरिको के लिऐ जी जान से मदद करते है। आज भी क्षैत्र में मास्टरजी के नाम से जाना जाता है।

युवा इनके अपना प्ररेणा स्त्रोत और स्थानीय गरीब समुदाय के लोग संजीवनी मानते है जो अन्य अर्वाड से अधिक महत्वपूर्ण है। संजीवनी शब्द बिहार के महादलित समुदाय ने दिया जो किसी नोबल पुरस्कार से कम नही है।