ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि 8 साल हो गए युवा वर्ग को बरगलाया जा रहा है! जो इंटरनेशनल योगा डे घोषित हुआ है ,वह केवल युवा वर्ग के प्रचार करने से पार्कों में फ्री योग शिक्षा देने से, हुआ है! 7 से 8 साल मैं युवा वर्गों ने पूरी दुनिया में डंका बजा दिया! प्रचार कर कर के !क्योंकि उनको शुरू में प्रलोभन दिया गया !योगा में बहुत बढ़िया करियर है !बहुत बड़े लेवल पर युवा वर्ग ने यही सोच कर कि नया सब्जेक्ट है इसमें रोजगार जरूर मिलेगा ! किसी और सब्जेक्ट से ले रहे डिग्री को छोड़कर, योग में चले आए और जी भर कर प्रचार किया! जिससे इंटरनेशनल योगा डे घोषित हो पाया !और पूरी दुनियां में हमारे भारत देश का नाम रोशन हुआ! इन 8 सालों में युवा वर्ग ने किसी ने 1 साल का डिप्लोमा , किसी ने 3 साल की डिग्री , किसी ने एमएससी , किसी ने पीएचडी और लाखों की तादाद में क्यूसीआई क्लियर करके बैठे हैं ! अब उनका क्या ? यह युवा और कहां जाए ? 8 साल तक सरकार बर्गलाती रही! युवा वर्ग को धोखे में रखा ! इस बीच बहुतों की उम्र निकल गई !बहुत से हताश और निराश हुए! अभी तक बेरोजगार बैठे हैं ! बहुतों को भूखों मरने के लाले पड़ गए हैं! भूखे पेट कब तक इस तरह चलेगा?

युवा वर्ग को यूज एंड थ्रो कर दिया गया!

माता-पिता कितना पैसा लगा कर बच्चों को पढ़ाते हैं ?

और फिर इंतजार शुरू हो जाता है कभी इनको रोजगार मिलेगा ? माता-पिता भी हताश और निराश! जब युवा वर्ग ही स्वस्थ नहीं ,कॉन्फिडेंस में नहीं, मानसिक रूप से परेशान हैं ,तो काहे का इंटरनेशनल योगा डे ? यह सब हम माताओं बहनों से देखा नहीं गया! सरकार से हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि युवा वर्ग की तरफ ध्यान दें! खासकर योगार्थियों को रोजगार दें! ताकि इंटरनेशनल योगा डे खुशी खुशी मनाते रहें! अगर युवा वर्ग स्वास्थ है तो देश स्वस्थ है और देश स्वस्थ है तो इंटरनेशनल योगा डे सक्सेस है! हरियाणवी रिवाज समिति अध्यक्ष योग शिक्षिका कांता हुड्डा।

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